अंतरिक्ष में इस सप्ताह दो असाधारण खगोलीय घटनाएँ दर्ज की गईं, जिन्होंने वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष उत्साही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। एक ओर, हमारे सौर मंडल में प्रवेश करने वाला तीसरा ज्ञात अंतरतारकीय धूमकेतु मंगल ग्रह के पास से गुज़रता हुआ देखा गया। वहीं दूसरी ओर, एक छोटा क्षुद्रग्रह पृथ्वी के इतने करीब से गुज़रा कि उसकी दूरी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ऊंचाई के बराबर थी।
मंगल के करीब दिखा दुर्लभ अंतरतारकीय मेहमान
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने मंगलवार को घोषणा की कि पिछले सप्ताह मंगल ग्रह के दो ऑर्बिटर ने एक दुर्लभ अंतरतारकीय धूमकेतु की तस्वीरें ली हैं। यह धूमकेतु, जिसे 3I/ATLAS के नाम से जाना जाता है, हमारे सौर मंडल के बाहर से आया है और अब तक खोजा गया केवल तीसरा ऐसा पिंड है।
शुक्रवार को ली गई तस्वीरों में यह धूमकेतु दूर के तारों की पृष्ठभूमि में एक धुंधले सफ़ेद बिंदु के रूप में दिखाई दे रहा है। उस समय यह मंगल ग्रह से लगभग 1 करोड़ 86 लाख मील (लगभग 3 करोड़ किलोमीटर) की दूरी पर था। नासा पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि इस धूमकेतु से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।
कैसिस कैमरे के प्रमुख अन्वेषक, निक थॉमस ने एक बयान में कहा, “यह हमारे उपकरण के लिए एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण अवलोकन था। यह धूमकेतु हमारे सामान्य लक्ष्य की तुलना में लगभग 10,000 से 100,000 गुना अधिक धुंधला है।”
जुलाई में अपनी खोज के बाद से, 3I/ATLAS की कई तस्वीरें ली जा चुकी हैं। अगस्त की शुरुआत में, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने भी लगभग 27.7 करोड़ मील की दूरी से इसकी तस्वीरें खींची थीं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह धूमकेतु अक्टूबर के अंत में सूर्य के अपने निकटतम बिंदु पर पहुँचेगा, जो मंगल और पृथ्वी की कक्षाओं के बीच से होकर गुज़रेगा।
पृथ्वी के बेहद करीब से गुज़रा छोटा क्षुद्रग्रह
एक अन्य घटना में, 1 अक्टूबर, 2025 को 2025 TF नामक एक छोटा क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से बहुत ही करीबी दूरी से गुज़र गया। यह अंटार्कटिका के ऊपर से गुज़रते समय पृथ्वी से केवल 428 किलोमीटर दूर था, जो कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा की ऊँचाई के लगभग बराबर है।
यह क्षुद्रग्रह आकार में बहुत छोटा था, केवल 1 से 3 मीटर (लगभग 3 से 6 फीट) चौड़ा। इसे पृथ्वी-निकट क्षुद्रग्रह (Near-Earth Asteroid) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, क्योंकि इसकी कक्षा इसे कभी-कभी पृथ्वी के करीब ले आती है। 2025 TF जैसे छोटे क्षुद्रग्रहों से कोई खतरा नहीं होता क्योंकि वे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही सुरक्षित रूप से जल जाते हैं। हालांकि, बड़े क्षुद्रग्रहों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे संभावित रूप से खतरनाक हो सकते हैं।
खोज और ग्रहीय रक्षा का महत्व
इन दोनों घटनाओं की खोज प्रक्रिया काफी दिलचस्प रही। क्षुद्रग्रह 2025 TF का पता कैटालिना स्काई सर्वे (एरिज़ोना) ने तब लगाया, जब वह पृथ्वी के पास से गुज़र चुका था। खोज के तुरंत बाद, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के ग्रहीय रक्षा कार्यालय (Planetary Defense Office) ने ऑस्ट्रेलिया में स्थित लास कंब्रेस ऑब्जर्वेटरी नेटवर्क के एक टेलीस्कोप का उपयोग करके इसका पीछा किया और इसकी सटीक कक्षा और प्रक्षेपवक्र का पता लगाया। इतनी छोटी और अनिश्चित स्थिति वाली वस्तु को खोजना और ट्रैक करना एक बेहद मुश्किल काम है, जो ग्रहीय रक्षा कार्यक्रमों की क्षमताओं को उजागर करता है।
वहीं, धूमकेतु 3I/ATLAS की लगातार निगरानी की जा रही है ताकि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जा सके। वैज्ञानिक मंगल एक्सप्रेस ऑर्बिटर से मिली कई छवियों को मिलाकर इस धुंधले धूमकेतु का और बेहतर विश्लेषण करने की उम्मीद कर रहे हैं। ये घटनाएँ हमें हमारे सौर मंडल और उससे परे की दुनिया को समझने में मदद करती हैं।