कोरियाई राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ने अपने अमेरिकी दौरे का सफलतापूर्वक समापन किया, जहाँ उसने भविष्य की योजनाओं और रणनीतिक प्रयोगों का शानदार प्रदर्शन किया। कोच होंग म्युंग-बो के नेतृत्व में टीम ने दो मजबूत उत्तरी अमेरिकी टीमों के खिलाफ एक जीत और एक ड्रॉ के साथ अपने अभियान को समाप्त किया। यह दौरा अगले साल होने वाले उत्तर अमेरिकी विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहाँ अमेरिका और मेक्सिको मेजबान के तौर पर शीर्ष वरीयता प्राप्त टीमें होंगी।

मेक्सिको के खिलाफ रोमांचक मुकाबला और साहसिक निर्णय

अमेरिकी दौरे का दूसरा मैच मेक्सिको के खिलाफ नैशविले के जियोडिस पार्क में खेला गया, जो 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुआ। इससे तीन दिन पहले कोरिया ने अमेरिका को 2-0 से हराया था। इस मैच में कोच होंग म्युंग-बो ने एक साहसिक और चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने अमेरिका के खिलाफ जीत हासिल करने वाली टीम में नौ बदलाव किए और कप्तान सोन ह्यूंग-मिन जैसे दिग्गज खिलाड़ी को शुरुआती एकादश में शामिल नहीं किया। यह निर्णय टीम की गहराई और विभिन्न संयोजनों को परखने की उनकी रणनीति का हिस्सा था।

मैच में कोरियाई टीम पहले पिछड़ गई जब 22वें मिनट में राउल हिमेनेज ने मेक्सिको के लिए पहला गोल किया। दूसरे हाफ में सोन ह्यूंग-मिन को मैदान पर उतारा गया, और उन्होंने आते ही मैच का रुख बदल दिया। 65वें मिनट में उन्होंने एक शानदार बाएं पैर के शॉट से स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। इसके बाद 75वें मिनट में ली कांग-इन के पास पर ओ ह्योन-ग्यू ने गोल करके कोरिया को 2-1 की बढ़त दिला दी। हालांकि, कोरिया यह बढ़त बनाए नहीं रख सका और अंत में मैच बराबरी पर छूटा।

नए सितारों का उदय और मध्यपंक्ति को मिली नई ऊर्जा

इस दौरे पर टीम को ह्वांग इन-बीओम की चोट के कारण मध्यपंक्ति में चिंता थी, लेकिन जेन्स कास्ट्रोफ के रूप में एक नई प्रतिभा का उदय हुआ। जर्मन-कोरियाई मूल के कास्ट्रोफ, जो कोरिया के लिए खेलने वाले पहले मिश्रित-विरासत के खिलाड़ी हैं, ने मेक्सिको के खिलाफ अपना पहला स्टार्ट किया। उन्होंने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया। उनकी ऊर्जा, गति और गेंद को नियंत्रित करने की क्षमता असाधारण थी।

कास्ट्रोफ ने अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा, “मेरी माँ मुझे देखकर बहुत भावुक हो गईं। राष्ट्रगान बजते समय मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ। यह एक अविस्मरणीय क्षण था।” कोच होंग ने भी कास्ट्रोफ के प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें केवल पहले हाफ में ही खिलाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। उम्मीद है कि वह अगले महीने ब्राजील और पैराग्वे के खिलाफ घरेलू मैदान पर भी खेलते नजर आएंगे।

रक्षापंक्ति की मजबूती और किम मिन-जे की भूमिका

रक्षापंक्ति में, बायर्न म्यूनिख के स्टार किम मिन-जे ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया। उन्होंने दौरे के दोनों मैचों में पूरे 180 मिनट खेले और डिफेंस को मजबूती प्रदान की। किम ने कहा, “एक मजबूत टीम के खिलाफ जीत के करीब आकर आखिरी क्षणों में गोल खाना निराशाजनक है, लेकिन हमने इन मैचों से बहुत कुछ सीखा है। हमें अपनी रणनीतिक कमियों पर काम करना होगा ताकि हम भविष्य में और मजबूत टीमों का सामना कर सकें।”

सोन ह्यूंग-मिन: रिकॉर्ड तोड़ने की दहलीज पर एक दिग्गज

कप्तान सोन ह्यूंग-मिन के लिए यह दौरा व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिहाज से भी यादगार रहा। मेक्सिको के खिलाफ मैच उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का 136वां मैच था। इसके साथ ही उन्होंने कोरिया के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने के मामले में महान खिलाड़ी चा बम-कुन और अपने कोच होंग म्युंग-बो के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। उम्मीद है कि अगले महीने ब्राजील के खिलाफ होने वाले मैच में वह यह रिकॉर्ड तोड़ देंगे।

इसके अलावा, सोन अब कोरिया के सर्वकालिक शीर्ष स्कोरर बनने के भी करीब हैं। मेक्सिको के खिलाफ किया गया गोल उनके करियर का 53वां अंतरराष्ट्रीय गोल था। वह अब चा बम-कुन (58 गोल) के रिकॉर्ड से केवल 5 गोल पीछे हैं। जिस फॉर्म में वह खेल रहे हैं, उसे देखते हुए यह रिकॉर्ड भी जल्द ही टूट सकता है। MLS में जाने के बाद सोन ने कहा है कि वह पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं, जो कोरियाई फुटबॉल प्रशंसकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सोन ह्यूंग-मिन निस्संदेह कोरियाई फुटबॉल के ‘सर्वकालिक महानतम खिलाड़ी’ (GOAT) बनने की राह पर हैं।